दीपोत्सव - रेखा मित्तल

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vivratidarpan.com - इस दीवाली कुछ अपने मन की बात करते हैं।  दीवाली के इस पावन पर्व पर हर कोई अपने रिश्तेदारों, दोस्तों, परिवार के सदस्यों, सबको कुछ खास तोहफे देते है ।अपने दोस्तों ,मित्रों के बारे में सोचते है कि उनको क्या खास तोहफा दिया जाए, जो उन्हें पसंद हो। माहौल ही कुछ ऐसा होता है , हर तरफ उल्लास और खुशियां। एक दूसरे की खुशियों का ख्याल रखना। लेकिन इस सब में कुछ पीछे छूट जाता है--------"खुद का ख्याल रखना" !" अपने मन की सुनना "! अपने मन की सुनने का वक्त ही नहीं मिलता और त्यौहार बीत जाता है। तो दोस्तों कम से कम इस बार ऐसा मत कीजिए । अपने मन की सुनिए , खुद को तोहफा दीजिए , अपने आपको ट्रीट कीजिए, वह काम कीजिए जिससे खुद को खुशी मिलती है।

एक दीया, एक तोहफा, एक दुआ, अपने मन के लिए,  दीवाली तो आपकी भी है ना ! एक प्रकाश का दीपक, खुद के मन को आलोकित करने के लिए! - रेखा मित्तल, सेक्टर-43, चंडीगढ़