प्यारे कितनी लीक परीक्षा होगी - हरी राम यादव

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प्यारे कितनी लीक परीक्षा होगी,

     कितने भविष्य होंगे बेकार।

क्या लग पायेगा कभी अंकुश,

     बोलो दिल्ली वाली सरकार।

पेट काट और जोड़कर पाई, 

     परिजन बनाते शिक्षा आधार ।

एक मिनट में तुम कह देते,

     परीक्षा की शुचिता शायद तार।

शब्द जाल में मत उलझाओ,

     शिक्षा नहीं है कोई व्यापार।

गाल बजाने से न काम चलेगा,

     इसमें सही व्यवस्था की दरकार।

करो व्यवस्था सही से अपनी,

     मत बच्चों को करो लाचार  ।

नहीं तो आने वाले भविष्य में वह,

     सत्ता के आंगन से देंगे बुहार।।

 - हरी राम यादव, अयोध्या, उत्तर प्रदेश