प्यारी बिटिया - अशोक यादव

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स्वर्ग से उतर आई मेरे घर एक नन्हीं जादुई परी।

साक्षात माता लक्ष्मी मेरी बेटी बनकर अवतारी।।

महापुण्य से मुझे पिता बनने का सौभाग्य मिला।

मन बाग में आनंद और खुशियों का फूल खिला।।

रात में अचानक गूँज उठती थी, तीव्र किलकारियाँ।

झूलाता था पालना तुझको, रोज गाता था लोरियाँ।।

मेरी‌ उँगली थामे,नन्हे कदमों से खुद चलना सीखी।

तोतली जुबान से मीठी-मीठी बातें बोलना सीखी।।

खूब पढ़-लिख कर जग में रोशन करना मेरा नाम।

तुम अधिकारी बनकर समाज सेवा का करना काम।।

- अशोक कुमार यादव मुंगेली, छत्तीसगढ़