दल सारे दलदल होइहै - हरी राम यादव
Apr 13, 2024, 22:07 IST
| यहि चुनाव के मौसम मा,
नेताजी गजबै भागि रहे ।
यहि दल से वहि दल मा,
बरखा कै मछरी लागि रहे।
केहू कहै आत्मा जागि उठी,
केहू विचार का दागि रहै।
ऐ मां कै ममता भूलि गए,
डाइन से जीवन मांगि रहे ।
कल तक देत रहे जे का गारी,
और सबसे भ्रष्ट बताइ रहे ।
गले मा अंगौछा डारि कै ओकै,
धाइ के गले लिपटाय रहे ।
चरण बंदना झुकि झुकि कइके,
वनहू अब सौ गुण बताइ रहे।
अंगुलिमाल जेस ह्रदय परिवर्तन,
नेताजी अपने अंदर लाइ रहे।।
दल सारे दलदल होइगै,
बस केवल आवाजाही मा ।
रहिगा न कउनव नीति नियम,
सिद्धांत चला गा राही मा।
अपना भ्रष्टाचारी है सच्चा,
दूसरे कै नाम बड़ी उगाही मा।
आचार विचार लइगा भ्रष्टाचार,
देश चलै परदेशी गवाही मा।।
- हरी राम यादव, अयोध्या , उत्तर प्रदेश
फोन नंबर – 7087815074