भ्रष्टाचार का भंवर - हरी राम यादव

 | 
pic

भ्रष्टाचार के भंवर में,

     फंसा हुआ है देश।

धरती से आकाश तक,

     बचा नहीं है कुछ शेष ।

बचा नहीं है कुछ शेष,

     निर्निमेष विस्तार हो रहा।

इसके आतप से परेशान,

    मानव क्या पशु भी रो रहा।

धन पशु मानव लगा हुआ,

     जल्दी धन करने में अर्जित।

ईमान बेचना, हकमारी करना,

      नहीं है इसमें कुछ भी वर्जित।

- हरी राम यादव , बनघुसरा, अयोध्या, उत्तर प्रदेश