आओ बनें प्रज्ञावान - सुनील गुप्ता

 | 
pic

आओ

बनें हम प्रज्ञावान,

सुख-दुःख से ऊपर उठते चलें  !

और कभी न करें यहाँ व्यर्थ चिंताएं....,

श्रीप्रभु भक्ति में स्वयं को लीन बनाए रखें !! 1!!

बनें

ज्ञानी और विवेकवान,

सदा सम्यक भाव संग जीएं चलें !

और कभी ना फँसे यहाँ राग-द्वेष में.....,

निस्पृह प्राणी बनके वीतरागी बनें !! 2 !!

प्रज्ञावान

रहते जीवन में,

सदैव चिंतन मननशील यहाँ पे  !

और कभी न करें किसी से अपेक्षाएं...,

एवं उपेक्षित भाव को त्याजते चलें!! 3 !!

आओ

बनें सभी प्रज्ञावान,

स्थिरबुद्धि से चलें यहाँ सोचते  !

सदैव बनाए रखें अकूत धैर्य संतोष...,

और चलें राधे-श्रीकृष्ण संकीर्तन में झूमते !! 4 !!

- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान