गणतंत्र के सेनानी - कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

गणतंत्र दिवस के अवसर पर, सबको बात बतानी है,
जो लाज रखे भारत माँ की, वह सच्चा सेनानी है।
करके काम अनूठे हरदम, जग में नाम बढ़ाता है,
बिन बोले फ़र्ज़ निभाता पर, शिकन न माथे लाता है।
धरती पर बोझ नहीं बनना, इच्छा मन मे ठानी है,
जो लाज रखे भारत माँ की, वह सच्चा सेनानी है।1
बलिदान करे जीवन अपना, देश प्रेम के ही खातिर,
टक्कर लेता दुश्मन से वह, चाहे कितना हो शातिर।
लाज बचायेंगे धरती की, उसने कसम निभानी है,
जो लाज रखे भारत माँ की, वह सच्चा सेनानी है।2
दिन रात खड़ा सीमाओं पर, करता नित पहरेदारी,
हो मौसम प्रतिकूल भले ही, तजता न कभी ज़िम्मेदारी।
गुस्ताखी पर उतरे दुश्मन, नानी याद दिलानी है,
जो लाज रखे भारत माँ की, वह सच्चा सेनानी है।3
सारे सैनिक चाहे इतना, सम्मान मिले कुर्बानी का,
परिवार सुरक्षित रह पाये, भारत में बलिदानी का।
रण में अपना लहू बहा कर, लिखता अमर कहानी है,
जो लाज रखे भारत माँ की, वह सच्चा सेनानी है।4
गणतंत्र सुरक्षित रखने की, जिम्मेदारी समझानी है,
जय हिंद घोष पर जिये मरे, वह सच्चा सेनानी है।
- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश