चौपाई छंद - मधु शुक्ला

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सावन मास लगै सुखदाई।

हरियाली वसुधा पर छाई।।

रिमझिम पानी की बौछारें।

भायें सबको सभी निहारें।।

सोमवार  सावन  जब  आता।

शिव भक्तों को बहुत लुभाता।।

सभी शिवालय इस दिन जाते।

अर्चन, दर्शन  का  सुख  पाते।।

पर्व  अनेकों   सावन   लाता।

प्रिय जनों से मिलन कराता।।

संस्कृति गौरव गान सिखाता।

सावन रीति  रिवाज बताता।।

सावन हलधर से जब मिलता।

उपवन आशाओं का खिलता।।

खेत  गुनगुनानाने  लगते  हैं।

घन  जब   बौछारें   करते  हैं।।

गीष्म विदा कर देता सावन।

मौसम ले आता मन भावन।।

हृदय प्रफुल्लित सबका रहता।

सुन्दर सावन को हर कहता।।

 — मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश .