छंद छटा - जसवीर सिंह हलधर
Sep 29, 2024, 22:44 IST
| कवियों की जाति नहीं ,बोलता हूं बात सही ,
जाति पाति से परे हैं जाट हैं न नाई हैं ।
हिंदू न मुसलमान ,सत्य तथ्य ये भी जान ,
जैन नहीं बौद्ध नहीं और न ईसाई हैं ।।
छंद कहें धार दार, किसी की हो सरकार ,
नहीं कांग्रेसी और नहीं भाजपाई हैं ।
शब्द के आराधक हैं ,शारदा के साधक है ,
मंच माला शॉल ताली ,कवि की कमाई हैं ।।
- जसवीर सिंह हलधर , देहरादून