छंद--छटा - जसवीर सिंह हलधर
Dec 1, 2023, 23:46 IST
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पिछले चुनावों में तो ,टिकट मिला ही नहीं ,
हार और जीत से, महरूम रहे नेता जी ।
दाव लगा इस बार ,बने हैं उम्मीदवार ,
गांव गांव गली गली ,घूम रहे नेता जी ।।
चल रही जोड़ तोड़ , जाति पाति भेद छोड़ ,
दलितों के हाथ पांव ,चूम रहे नेता जी ।
भाग्य ने भी दिया साथ ,जीत की मिली सौगात ,
गज के समान अब , झूँम रहे नेता जी ।।
- जसवीर सिंह हलधर, देहरादून