छंद--छटा - जसवीर सिंह हलधर

 | 
pic

पिछले चुनावों में तो ,टिकट मिला ही नहीं ,

हार और जीत से, महरूम रहे नेता जी ।

दाव लगा इस बार ,बने हैं उम्मीदवार ,

गांव गांव गली गली ,घूम रहे नेता जी ।।

चल रही जोड़ तोड़ , जाति पाति भेद छोड़ ,

दलितों के हाथ पांव ,चूम रहे नेता जी ।

भाग्य ने भी दिया साथ ,जीत की मिली सौगात ,

गज के समान अब , झूँम रहे नेता जी ।।

 - जसवीर सिंह हलधर,  देहरादून