भारत माता - सुनील गुप्ता

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माँ भारती

करें नित जय-जयकार

प्रणाम नमन वंदन आरती  !

पाएं आपसे अक्षय शक्ति ऊर्जा.....,

और चलें आप हृदय पे राज करती !!1!!

वन्दे मातृभूमि

चरणों को पँखारें चलें हैं सागर

खेलें गोदी में गंगा यमुना सरस्‍वती  !

पहन चली सूर्य किरणों का सुंदर हार....,

और शुभ्रचांदनी निखारे हरेक पल कांति !!2!!

हे भारतम्बा

पहने स्वर्णमुकुट हिमतुंग शिखर

चले पूर्व दिशा में बरसाए मेघ मल्हार  !

महकाए उत्तर में मकरंदी कश्मीरी केसर....,

और पश्चिम में लहराए कच्छ रणका थार !!3!!

हे मातृदेवी

होकर सिंह पे सवार

चली केसरिया भगवाध्वज हाथों में थामे  !

सुन सिंह की तेज दहाड़ पुकार....,

सभी दुश्मन भागे और थर-थर कांपे !!4!!

वन्दे मातरम्

माँ आपसे करते अगाध प्रेम प्यार

सदैव चलें प्राणों को करते आप पे निछावर  !

गाते जननी-जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गीत.....,

और अपने सौभाग्य पे हर्षाते चलें बारम्बार !!5!!

शस्य-श्यामलाम्

माँ वसुंधरा वन्दे मातरम्

धानी चुनरिया में आप चलो हर्षाए हरदम  !

हम करते चलें आप पर सर्वस्व समर्पण..,

और सदैव दमके आपका शुभानन अप्रतिम !!6!!

सिंहवाहिनी माँ

सुखदां वरदां वंदे मातरम्

आपके आँचल में हुए पलकर बड़े हम  !

पायी शौर्य कीर्ति अपार यश मान.....,

और श्रीचरणनन् में करते हैं कृतज्ञता ज्ञापन !!7!!

सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान