शुभकामनाएं  - ममता जोशी

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उस रूप का वर्णन करूं क्या,

जग करे जिसको नमन।

शब्द के मोती से जिसके,

खिल रहा मेरा चमन।

लोगों का दिल जीता सदा,

इतिहास जिसने रच दिया।

सादगी और सौम्यता से,

लोगों का मन भी मोह लिया।

छोटा सा कोई नाम नही है,

गर्व फिर भी दिखे नही।

सम्मान एक सा दे सभी को ,

नादान है जो आपसे सीखे नही।।

- ममता जोशी "स्नेहा"

सुजड़ गांव, टिहरी गढ़वाल