आजादी में ले हम सांस सभी - हरी राम यादव

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तिथि थी पन्द्रह माह अगस्त ,

ब्रिटिश शासन का सूर्य अस्त।

जो सत्ता थी बल घमंड में मस्त ,

वह हुई छिन्न-भिन्न और पस्त ।

सूरज संग ले आया आजादी,

जयकार उठे जीत गयी खादी।

खुश हुई देश की पूरी आबादी,

नाचे खुशी में नाती-पोता दादी।

हवा बही धरा पर पुरवाई,

गगन में घटा बसंती छाई।

तरुवर पर आयी तरुणायी,

घर घर में बजी विजय बधाई ।

लहराया तिरंगा आसमान में,

गूंजा जन-गण-मन कान में।

हुए प्रफुल्लित जुड़े तान में,

जिनके आजादी थी जान में।

आजादी में ले हम सांस सभी,

भूलें न उनके ऋण को कभी।

जो देख न पाए नव उदित रवि।

आओ गाएं उनका गान सभी।।

 हरी राम यादव , बनघुसरा, अयोध्या, 

उत्तर प्रदेश , 7087815074