अवध बिहारी - सुनील गुप्ता

(1)" अ ", अच्युतम
अटल अविकारी
हैं हमारे प्रिय श्रीअवध बिहारी !
सभी भक्तजनों के हृदय में रमें....,
श्रीरामचंद्रजी की मूरत अप्रतिम मनोहारी !!
(2)" व ", वरप्रद
परात्पर पीताम्बरधारी
बनें अति न्यायप्रिय राजा साकेतनगरी !
हैं धन्य भाग्य राघव रघुराई चले आए...,
और हृदय कमल में आए उतर प्रभुश्रीहरि !!
(3)" ध ", धनुर्धर
श्रेष्ठ महायोगी
पुराणपुरुषोत्तम अन्तर्यामी !
स्मृतसर्वाघनाषन महोदर ईश्वर.....,
सदा हनुमदाश्रय सत्यवाक् वाग्मी !!
(4)" बि ", बिमल
सौम्य उज्जवल
हैं श्रीश्यामाङ्ग अतिसरल !
सर्वतीर्थमय मायामानुषचारित्र.....,
बहें जिनकी कृपाएं यहाँ सदा अविरल !!
(5)" हा ", हाथ
महाभुज सर्वदेवस्तुत
कौसलेय श्रीजानकीवल्लभ शाश्वत !
श्रीप्रभु कृपाएं बरसती रहें अनवरत....,
और बना रहे सदैब आपका श्रीवरदहस्त !!
(6)" री ", रीझते
रहें मंत्रमुग्ध
निहारें राजीवलोचन धीरोदात्तगुणोत्तर !
जितेंद्रीय पितृभक्त स्मितवक्त्र पुण्योदय..,
श्रीप्रभुजनार्दन करें हमपे कृपा अपरम्पार !!
(7)" अवध बिहारी ", अवध बिहारी
सत्यविक्रम त्रिलोकरक्षक
प्रभु मायामारीचहन्ता श्रीहरि !
श्रीपरेश देखते रहें रुप अपलक..,
आए दशग्रीवशिरोहरप्रभु आपकी नगरी !!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान