अवध वाटिका साहित्य मंच द्वारा काव्य गोष्ठी का आयोजन

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vivratidarpan.com बहराइच-  साहित्य,कला एवम रंग मंच को समर्पित "अवध वाटिका साहित्य मंच जनपद बहराइच "के तत्वावधान में पाक्षिक काव्य गोष्ठी का आयोजन हिन्दी पखवाड़े के रूप में शाम 5 बजे से  स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी भवन सभागार (कलेक्ट्रेट परिसर बहराइच)में वरेण्य साहित्यकार डा.अशोक पाण्डेय गुलशन जी की अध्यक्षता एवम गोण्डा जनपद से पधारे शायर सूफी गोंडवी  के मुख्य आतिथ्य और रमेश चन्द मिश्र जी के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ ।मेहमान शायर का सम्मान अवध वाटिका साहित्य मंच के द्वारा अंग वस्त्र प्रशस्ति पत्र देकर किया गया ।कार्यक्रम की शुरुआत महसी से पधारे छंदकार रघुवेन्द्र नाथ त्रिपाठी जी के वाणी वंदना से हुआ ,संचालन तिलक राम अजनबी ने किया ।

कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए युवा कवि  ने कुछ इस तरह पंक्तियां पढ़ी गीत गाती रोशनी इक शाम के खातिर ,ये जमाना मार रहा है नाम के खातिर ।कवि अजित मौर्य ने पंक्तियां पढ़ी _तेरी यादों की दौलत को मैं हरगिज़ खो नही सकता ,भले ही छोड़ दो मुझको गैर मै हो नही सकता ।कवि शैलेन्द्र मिश्र ने हिन्दी पर पंक्तियां पढ़ी _गर्व हो गर्व कर अपनी पहचान पर ,और सोचो भी तुम हिन्दी उत्थान पर ।शायर कलीम तन्हा ने पंक्तियां यूं पढ़ी _फिर उसके बाद मुकद्दर चमक गया मेरा,वतन की ख़ाक जबीं पर लगा दिया मैने ।कवि रघुवेन्द्र नाथ त्रिपाठी ने हिन्दी के परिपेक्ष्य सुन्दर छंद पढ़ादेखि बिहारी के दोहन से मनो,नैनन केर कटार है हिन्दी ।मानस मान पे आंच लगे तब , भूषण कै तलवार है हिन्दी।शायर शाहनवाज खान ने ,पंक्तियां व्यक्त की_जिस दिन से मैंने बनाया है तुमको बागबां , तस्वीर देखता हूं खिजां की बहार में ।हास्य कवि एवम अवध वाटिका साहित्य मंच के अध्यक्ष/संस्थापक पी.के.प्रचण्ड ने हिन्दी पर पढ़ा सारी दुनियां हिन्दी की दीवानी है , दुनियां पर कुर्बान हमारी हिन्दी है ।जनपद के महबूब शायर रईस सिद्दीकी ने कुछ यूं कलाम पेश किया _ज़िन्दगी में अंधेरा ना होगा रईस ,बात मां _बाप की गर सुना कीजिए ।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डा.अशोक पाण्डेय गुलशन ने हिन्दी पर दोहा पढ़ाहिन्दी भाषा है सभी ,भाषाओं की जान ।जिसको अपनाकर हुए ,तुलसी सूर महान ।।के साथ अपने अध्यक्षीय उदबोधन में सभी कलमकार बन्धुओं का आभार व्यक्त किया विशिष्ट अतिथि श्री रमेश मिश्र ने भी अपने विचार रखे ।तत्पश्चात गोष्ठी के समापन की घोषणा अध्यक्ष महोदय के द्वारा की गई।अगली गोष्ठी 3 अक्टूबर 2023 को पुनः प्रस्तवित है।