सफल रहा बनारस का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन - श्याम कुंवर भारती

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vivratidarpan.com बनारस - महिला कल्याण समिति ढोरी,बोकारो द्वारा संचालित हिन्दी पत्रिका कहानिका द्वारा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन  बनारस यूपी महामना मालवीय सभागार, काशी सी सेवा समिति,शाह नर्सिंग होम के ठीक सामने, रामकटोरा, नाटीईमली लहुराबीर, वाराणसी उत्तर प्रदेश में आयोजित किया गया।

आयोजन काफी सफल और भव्य रहा। कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभ उद्धघाटन डॉक्टर चमद्रभाल सुकुमार अंतर्राष्ट्रीय गजलकार एवम पूर्व जिला जज ने किया ।अतिथियों का स्वागत संयोजन  सिद्धनाथ शर्मा सिद्ध, अध्यक्षता प्रख्यात कवि रामावतार पाण्डेय, एडवोकेट , पूर्व अध्यक्ष दी सेंट्रल बार एसोसिएशन वाराणसी,स्वागयाध्यक्ष  प्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश और मंच का संचालन संयुक्त रूप से सरिता सिंह गोरखपुर और इंद्रजीत तिवारी निर्भीक वाराणसी ने किया। मंच का संयोजन श्याम कुंवर भारती, प्रधान संपादक सह महासचिव महिला कल्याण समिति धोरी बोकारो ने किया।

कवि सम्मेलन की शुरुआत अंशिका श्रीवास्तव ने सुंदर सरस्वती वंदना, गणेश वंदना अनामिका शर्मा अनु ने, देवी गीत श्याम कुंवर भारती  और स्वागत गीत सुरभी जैन ने अपनी मधुर आवाज में किया।

आयोजन में देश के कई राज्यों से कई वरिष्ठ और प्रतिष्ठित तथा नवोदित कवियों और कवियित्रीयो ने भाग लिया जिसमे मुख्य रूप से कुसुम सिंह अविचल कानपुर ने हम अपने देश की माटी को चंदन समझते हैं, डॉ.पुष्पेंद्र कुमार अस्थाना पुष्प वाराणसी ने ये सियासत का क्या माहौल बना रखा है।

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गजलकार सिद्धनाथ शर्मा सिद्ध ने हम रहे ना रहे नाम छोड़ जाएगी, अशोक मिश्र मैथिल वाराणसी ने अईली तोहरी दुआरिया निहारे चरना , दिवाकर उपाध्याय रामगढ़, सिवान बिहार ने तूही जान हऊ,जिनिगी ई जान जइहा , श्याम कुंवर भारती, बोकारो झारखंड ने  जहां बहे गंगा निर्मल धार ऊहे बाटे देशवा हमार भोजपुरी ओज कविता, चिंतित वाराणसी ने गजब का शेरआज हम  सुनाएंगे उनको, पाण्डेय चिदानंद चिड्रूप ने  मैं तो बेटी हूं तेरी, आर पी तिवारी रत्नेश बांदा ने मेरे बेटे पे मां तुझपे वारी रहे ,dr. सुभाष चन्द्र वाराणसी ने फूल बनकर मुस्कुराना जिंदगी है,कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक वाराणसी ने महंगाई है जितना किए दिल को छोटा, संगीता श्रीवासतवचाक पर जिंदगी के हमने बनाया दीप सपनो का ,दे. विभा प्रकाश लखनऊ ने कई जाबांज ऐसे है वतन को नाज है जिनपर ,  आशा झा सखी जबलपुर एमपी ने  श्रृंगार रस,अंशिका श्रीवास्तव जौनपुर यूपी ने जीवन का सकून,रजनी कटारे हेम जबलपुर एमपी ने रब का फलसफा,सुरभी जैन सतना एमपी ने खिल उठा है गगन हंस रहा है चमन, राजबहादुर यादव राज जौनपुर,ने जिसे रखे हो दिल के किसी खजाने में, गिरिश पांडेय वाराणसी ने चलो यार हर हर महादेव, आशा साहनी मऊ यूपी ने सामयिक रचना ,बोलो,dr.अजीत श्रीवास्तव राज बस्ती ने एक टूटे सफीने से क्या फायदा दीपक सिंह प्रेमी,बस्ती यूपी ने तुम मुझे इस तरह न पुकारा करो, कृष्ण कुमार कनक पटना बिहार ने सुंदर कविता पाठ, अर्चित स्रवर्णी औरंगाबाद बिहार ने संस्कृत में काव्य पाठ,सूर्य प्रकाश त्रिपाठी सिद्धार्थ नगर यूपी ने उस मां पर क्या लेख लिखे, सरिता सिंह गोरखपुर यूपी ने कई खूबसूरत गजलों से  आयोजन में जान डाल दिया और मशहूर शायरा झरना ने टुकड़ों में बिखरना नही जुड़ना है जिंदगी बेहतरीन ग़ज़ल पढ़ा।

इसके अलावा कई कवियों और कवित्रियो ने अपनी सुंदर कबिताओ,गीतों  और गजलों से कवि सम्मेलन में चार चांद लगा लिया।सबने भरपूर तालियां बटोरी। धन्यवाद ज्ञापन  श्याम कुंवर भारती ने किया । अध्यक्ष रामावतार पाण्डेय की के अध्यक्षीय भाषण के बाद आयोजन की समाप्ति की घोषणा इंद्रजीत तिवारी निर्भीक ने किया।  - (श्याम कुंवर भारती - प्रधान संपादक / संयोजक कहानिका हिंदी पत्रिका)