जल प्रदूषण (मुक्तक) - कर्नल प्रवीण त्रिपाठी
Updated: Nov 12, 2022, 22:44 IST
| वायु संग जल भी जीवन का, आवश्यक आधार है।
इन दोनों के बिना न चलता, जीवन का व्यापार है।
गुणवत्ता दोनो की उत्तम, हमको रखना ही होगा,।
जब भी इन्हें प्रदूषित करते, होता बंटाधार है।
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जल संसाधन आज प्रदूषित जगह-जगह पर होते हैं।
ताल-झील-नदियाँ-नाले सब, आज गंदगी ढोते हैं।
इच्छा शक्ति नहीं है हम में, इन्हें स्वच्छ अब रखने की,
अगली पीढ़ी के भविष्य पग, खुद ही काँटे बोते हैं।
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बड़े-बड़े दावे होते हैं, इनकी रक्षा करने को।
नहीं तंत्र विकसित करते पर, उत्तम युक्ति परखने को।
कार्य योजना सँग धन-संसाधन, भ्रष्ट तंत्र की भेंट चढ़ें,
सभी प्रतीक्षा मात्र कर रहे, इन पर चाबुक चलने को।
- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश