ये लो माटी तिलक करो -  अनुराधा प्रियदर्शिनी

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आओ बच्चों तुमको दिखलाऊं झलक अपने भारत देश की,

ये लो माटी तिलक करो यह माटी है अपने भारत देश की। ,

ये लो माटी तिलक करो..…......

चंदन की खुशबू  इसको माथे से लगा लो माटी बलिदान की,

उत्तर में खड़ा हिमालय बनकर प्रहरी करता रखवाली देश की। ,

दक्षिण भाग में देखो कैसे सागर चरण पखार रहा भारत देश का,

गंगा जमुना और सरस्वती खेल रही अठखेलियां भारत देश में। ,

ये लो माटी तिलक करो..…......

यह देखो ये राजपूतों का कैसा प्यारा और निराला देश है,

जहां का बच्चा बच्चा खेले बरछी और तीर कटारों के साथ में। ,

मेवाड़ भूमि का कण कण सुनाता राणा प्रताप की गाथा है.

जौहर कुण्ड  क्षत्राणियों की वीरता की निशानी बतलाता है। ,

मान की खातिर प्राण निछावर जिनका अविस्मरणीय है। ,

ये लो माटी तिलक करो............

यह देखो वीर शिवाजी की यह नगरी  बड़ी ही निराली है,

जहां हर पत्थर है शंकर हर हर महादेव की मनमोहक गूंज है। ,

जिनकी तलवार से मुगलों की सेना हरदम ही भयभीत रही,

देशभक्ति का बिगुल बजाया ऐसे वीर शिवाजी की भुमि है। ,

ये लो माटी तिलक करो.........

 - अनुराधा प्रियदर्शिनी, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश