परोपकार - कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

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करिये मदद बिन स्वार्थ के यह कथ्य पूर्ण विवेक का।

बनना समय पर खुद सहायक धर्म है प्रत्येक का।

अतिरेक इसमें मत करें चुनिये सुपात्र सदैव हम,

सामर्थ्य भर बाँटें खुशी यह लक्ष्य हो हर एक का।

जब भी किसी का साथ दें अहसान मत जतलाइये।

असमर्थ की कर के मदद इंसानियत दिखलाइये।

मुस्कान होंठो पर गरीबों के अगर कुछ ला सकें,

अच्छी तरह से जी सके वह राह भी बतलाइये।

- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश