मां तुमने ही जन्म दिया, जीने का अधिकार दिया - कवि अशोक गोयल

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vivratidarpan.com हापुड़ (उ प्र) -  भारत माता अभिनंदन संगठन के तत्वाधान में एक विराट अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन बडे ही धूमधाम से किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कवि रवेंद्र पाल रसिक द्वारा मां सरस्वती की वंदना से किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय संगठन मंत्री वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार कवि अशोक गोयल ने की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि बोम्बो ग्रोव स्कूल हापुड़ की प्रबंधक श्रीमती मंजू त्यागी , .माला सिंह मेरठ,वरिष्ठ कवि संगम त्रिपाठी रहे। कार्यक्रम का सुंदर संचालन कवि लाला राम ब्रजवासी ने किया। कार्यक्रम में देश भर से वरिष्ठ कवि एवम

कवयित्रीयों ने मातृत्व दिवस पर एक से एक सुन्दर रचनाएं प्रस्तुत कर कार्यक्रम को बहुत ऊंचाइयां प्रदान की। वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार कवि अशोक गोयल ने मातृत्व दिवस पर अपनी प्रस्तुति कुछ इस प्रकार दी- मां तुमने ही जन्म दिया जीने का अधिकार दिया, तुमने ही मेरी खुशियों को धरती पर साकार किया। कवयित्री बीना गोयल ने कहा - इतना प्यार करेगा कौन जितना मां करती है ,बेटा जब प्रदेश को जाय मां रोया करती है। कवि लाला राम ब्रजवासी ने पढ़ा - मां वेद है मां गीता है मां पुराण है। कवि राम सहाय श्रीवास ने पढ़ा - मां की ममता ,बिन माता के, और कहां तुम पाओगे। प्रो. डॉ शरद नारायण खरे ने पढ़ा - मां जीवन की हर खुशी, मां जीवन का गीत। वरिष्ठ कवि हरिनाथ शुक्ल ने पढ़ा - महीनों पेट में रखा है, देखा भाला है। कवयित्री अर्चना गुप्ता ने पढ़ा - जितना मां पन्नों में पूजी जाती है घर में उतना मान कहां हो पाती है। कवि सुशील कुमार पाठक ने पढ़ा - यहां लिखूं ,वहां लिखूं जब भी ,जहां लिखूं। कवयित्री रोशनी किरण ने पढ़ा - नहीं चाहिए धन या वैभव , ना चांदी ना सोना मां। इसके अतिरिक्त कवि दिनेश त्यागी, कवि महेश प्रसाद शर्मा, कवि राम निवास तिवारी, कवि संगम त्रिपाठी, कवयित्री अन्नपूर्णा मालवीय, कवि अशोक गोयल ,कवयित्री बीना गोयल आदि अनेक रचनाकारो ने मातृत्व दिवस पर एक से एक रचनाएं प्रस्तुत की । कार्यक्रम में पांच वर्षीय बाल कवि हिमांक गोयल ने भी अपनी लाजवाब प्रस्तुति दी।