मोबाइल का स्टाइल - हरी राम यादव

 | 
pic

मोबाइल के स्टाइल ने,

     जीना कर दिया मुहाल।

पेट में चाहे दाना न हो,

     पर मोबाइल हो मालामाल।

काम धाम छोड़कर सब,

      मोबाइल पर ठोकें ताल।

मोबाइल से सब ऐसे चिपके,

     जैसे रोटी से चिपकी दाल।।

फेंक रहे फेसबुक पर फर फर,

       फेक न्यूज की मोटी दीवाल।

समय नहीं का सब रोना रोते,

     पर सोशल मीडिया पर मचा धमाल।

झूठ बोलने का बढ़िया साधन,

      बने आज हमारे मोबाइल लाल।

अपनी दुनया में सभी मस्त,

      बातचीत की बिगड़ी ताल।

घड़ी रेडियो की कर दी छुट्टी,

      कलम गणक का बना काल।

टुकुर टुकुर टार्च ताकती,

     आंसू से भीगे टेप के गाल।

करवट बदल रहा कैमरा,

     गुस्से में खड़े खत के बाल।

हांफ रहा है डाक बिभाग,

     दूरसंचार की बिगड़ी चाल।

सब सम्मुख मिलें सम्बंधी से,

     कर प्रणाम आशीर्वाद पायें।

बैठें संग हों जीवन की बातें ,

     घातें छोड़ सबको गले लगायें।

गुड मार्निंग इविनिंग लिखकर,

     फोन से न अपना फर्ज चुकायें।

ठेंगा दिखाकर "हरी" कभी न,

     जीवन में अब उत्साह बढायें।।

- कवि हरी राम यादव, अयोध्या, उत्तर प्रदेश

   फोन न० -   7087815074