मकस कहानिका के झारखण्ड डिजिटल विशेषांक का विमोचन एवं कवि सम्मेलन सम्पन्न

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vivratidarpan.com झारखण्ड - मकस कहानिका के झारखण्ड अध्याय द्वारा युवा दिवस के अवसर पर ऑनलाइन गूगल मीट पर झारखण्ड डिजिटल विशेषांक पत्रिका का विमोचन एवं कवि सम्मेलन का भव्य और शानदार आयोजन किया गया। देश के जाने माने कवियों ने इस अबसर पर उपस्थित होकर इस कार्यक्रम को और भी शानदार बना दिया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आ सरोज झा झारखंडी  ने श्री गणेश जी और मां शारदे का मन से ध्यान करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सर्वप्रथम संतोष तोषनीवाल ने सुंदर वाणी में गणेश वंदना गाया तत्पश्चात  रिम्मी वर्मा ने अपनी सुमधुर आवाज में सरस्वती मां की वंदना गाकर कार्यक्रम का आरंभ किया। इसके पश्चात  श्याम कुँवर  द्वारा देवी गीत प्रस्तुत किया गया। ममता झा ने सुन्दर स्वागत गीत गाकर  मुख्य अतिथि  सरोज झारखंडी,  विशिष्ट अतिथि  श्याम कुँवर भारती, सभा अध्यक्ष  निराला पाठक का स्वागत किया।

मधुमिता सहा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए मुख्य अतिथि, विशिष्ठ अतिथि और सभा अध्यक्ष का स्वागत किया। मुख्य अतिथि, विशिष्ठ अतिथि और सभा अध्यक्ष  ने युवा दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं देते हुए झारखण्ड डिजिटल विशेषांक विमोचन के शुभ अवसर पर शानदार  उद्बोधन प्रस्तुत किया।

मुख्य अतिथि सरोज झा झारखंडी के कर कमलों द्वारा झारखण्ड डिजिटल पुस्तक का लोकार्पण किया गया। उन्होंने सभी को शुभकामनाएं देते हुए अपनी काव्य प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया।

विशिष्ट अतिथि एवं मकस कहानिका के प्रधान संपादक.श्याम कुँवर ने पुस्तक विमोचन की शुभकामनाएं देते हुए अनेक महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सबसे चर्चा की। जिनमे.कहानिका हिंदी पत्रिका झारखंड विशेषांक के बारे में बताया, अयोध्या में होने वाली कवि सम्मेलन में कुछ पुस्तकों का विमोचन करने का सोचा है। श्याम कुँवर की कहानी घुरहू के महरारू मुखियाइन पर फिल्म बनने वाली है। जिनकी रचनाएँ तैयार हैं, वे पुस्तक प्रकाशित के लिए दे सकते हैं।

जल्द ही राँची में ऑफलाइन कवि सम्मेलन आयोजित करने को कहा है। जल्द ही साहित्यिक प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँगी। एवं सभी राज्य के राज्य प्रभारी व उप संपादक से अनुरोध किये कि अपने राज्य के साहित्यकारों की रचनाएँ ले ताकि एक पुस्तक का रूप दिया जा सके। इन्ही सम्बन्ध में उन्होंने विस्तार से चर्चा की।

रुपा कुमारी अनन्त एवं. सुमन रॉयजी ने से मंच का बेहतरीन संचालन कर कार्यक्रम में शमां बांध कर रखा। करीब 43 से अधिक कवियों/कवयित्रियों ने जम कर काव्य रंग बिखेरे। जिसमें मुख्य रूप से डा० रजनी रंजन, रामनिवास तिवारी आशुकवि, अन्नपूर्णा मालवीया (सुभाषिनी). निर्मला कर्ण, भारत प्रजापति, कल्पना झा, ईश्वर चंद्र जायसवाल, प्रीतम कुमार झा महुआ, वैशाली विहार, रिम्मी वर्मा, जय कृष्ण मिश्रा, अनिल मोदी, किरन राज़. नरेन्द्र वैष्णव "सक्ती", रजनी कटारे,ममता झा, नवेद रज़ा दुर्गवी,रेखा कापसे "कुमुद",ममता श्रवण अग्रवाल, मधुमिता साहा, संतोष श्रीवास्तव "विद्यार्थी", मीना अग्रवाल, शशि जैसवार नॉएडा, संतोष तोषनीवाल, कविता रॉय, श्रीमती उमेश नाग ,. हरजीत सिंह  ,डाॅ निराला पाठक, सुमन राय 'चाहत', रूपा कुमारी "अनंत"आदि ने अपनी अपनी काव्य प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम देर शाम तक चला। अंत में रिम्मी वर्मा ने सभी अतिथियों, कवियों/कवयित्रियों का आभार धन्यवाद व्यक्त कर कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।