हास्य दोहा - अनिरुद्ध कुमार
Aug 2, 2022, 22:59 IST
| माँ पापा के दिन लदे, पत्नी दिल के पास।
ससुरारी चंदन लगे, सास, ससुरसे आस।।
साली साला दो नयन, बृहद लगे आकाश।
शीश नवा वंदन करें, चारोतरफ प्रकाश।।
साली जब जीजा कहे, लगे प्रेम की खान।
साला की बातें मधुर, विहसित लगे जहान।।
भाई भाभी अब कहाँ, साढ़ू सरहज जान।
गाँव गिरामिन कोसते, बदल गया इंसान।।
जीवन अपने रंगमें, रहरह करे कमाल।
माँ पापा अब गाँव में, बेटा नैनीताल।।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड