गजल  - ऋतु गुलाटी

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यार हमको जो नजर आता है,

साथ हँसना वही सिखाता है।

जिंदगी प्यार से भरी हो जब,

यार नभ मे मुझे उड़ाता है।

साथ तेरा हमें भी भाता है,

ख्याब दिल मे बड़ा सजाता है।

सोचती हूँ कहाँ गये हो तुम,

दौर गम का हमे रूलाता है।

खूबसूरत जहाँ बनाना है,

जिंदगी प्यार से निभाता है।

यार सबका नसीब होता है,

प्यार मे दिल सुकून पाता है।

जिंदगी फूल सी लगे हमको,

प्यार तेरा हमे  हँसाता है।

रूठ के तुम किधर जाओगे,

प्यार बैचेन हो रूलाता है।

सोचती हूँ कहाँ गये हो तुम।

दौर गम का हमे रूलाता है।

- ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, मोहाली , चंडीगढ़