गजल - ऋतू गुलाटी
Jul 20, 2022, 20:23 IST
| कभी बेवजह रूठ जाना नहीं,
हमें याद मे तुम रुलाना नही।
वफा अब तुम्ही से निभायी सुनो,
बुरी बात हमसे बताना नही।
चलो भूल जाये पुरानी कही,
गया वक्त हमको गँवाना नही।
पड़े है पनाहो मे तेरी सभी,
कभी भी दिलो को दुखाना नही।
मिले हो नसीबो से हमको अजी,
किये प्रेम वादे भुलाना नही।
खिले है बगिया मे कुछ फूल अभी,
ये थाली में तुमको सजाना नही।
दु:खी हो न ऋतु तुम जमाना कहे,
खुशी से गमो को छिपाना नही।
- ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़