गजल - ऋतु गुलाटी
Jul 15, 2022, 23:24 IST
| मिले प्यार तेरा वफा चाहता हूँ।
नजर का मिले सिलसिला चाहता हूँ।
गुजारा करे प्यार से मिल हमेशा।
वफाओ का साथी,जहां चाहता हूँ।
रहे साथ तेरा न तन्हाइयां हो।
फलक का खिला आँसमा चाहता है।
बड़ो का मिले अब सहारा जहां में।
खुशियां अमन की धरा चाहता हूँ।
तबाही का मंजर न ऋतु देख जग मे।
मिले साथ प्रभु आसरा चाहता हूँ।
- ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़