लोकगीत - झरना माथुर

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आई तीज हरियाली,

सखी री झूमो गाओ।

सखियन को झूलना झुलाओ,

सखी  नाचो गाओ।

चौक पुराओ सखी,

मंगल गाओ,

बयना मन्सो सखी,

नंद को बुलाओ,

शिव- गौरा को मनाओ,

सखी री झूमो गाओ।

गोरे-गोरे हाथों में,

मेहंदी लगाओ।

लाल-लाल चूडियों से,

पिया को रिझाओ।

सुहाग अपना मनाओ,

सखी री झूमो गाओ।

पीहर जाओ सखी,

मेले भी जाओ।

भाभी-बहन संग,

खुशियां मनाओ।

हरियाली पर्व मनाओ,

सखी री झूमो गाओ।

झरना माथुर, देहरादून, उत्तराखंड