विदा-2022 - कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

 | 
pic

वर्ष का अंत है साँस नव लीजिये।

हर बुरी याद को त्याग अब दीजिये।

द्वार पर  है खड़ा साल नव आपके।

आप स्वागत नये जोश से कीजिये।1

भिन्न संकट रहे सामना कर लिया।

अवसरों में विपद को बदल कर जिया।

कीर्ति के नित्य प्रतिमान गढ़ते रहे।

एक नेतृत्व नूतन जगत को दिया।2

हम सबक लें चुनौती कहीं से मिले।

दूर कर दें सभी आज शिकवे-गिले।

खुशदिली से नया वर्ष स्वागत करें।

हम प्रगति के गढ़ें नित्य नव सिलसिले।3

- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश