बिटिया जन्मी आज - प्रतिभा कुमारी

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नए साल की नयी पीढ़ी ..

बनाने आयी रिश्तों की सीढ़ी ..

पापा की परी माँ की फुलझरी ..

चाचा की कली और चाची की लड़ी..

आंगन महकाने आयी मेरी सई ..

दादा की लाड़ और दादी की आस..

दोनों है उतने ही खास ..

नए साल में आयी है और इक नए विकास..

मुबारक हो बिटिया आज से,

तीन सौ 65 दिनों के त्योहार..

सबका मिले तुम्हें ढेर सारे प्यार।

-प्रतिभा कुमारी-गया (बिहार)