दो पल की जिंदगी - राजेश कुमार
दो पल की है ये जिंदगी।
इसे मस्त होकर जियो यारा।।
कल का क्या भरोसा यारो।
क्या पता फिर ये जिंदगी ना मिले दोबारा।।
जो हैं मिला यही से मिला।
फिर क्यों करे हम ऊपर वाले से गिला।।
चाहे धन या दौलत हो सुख या दुख हो।
इसके पीछे उतना ही लगी जो जीवन जीन के जरूरी हो।।
इंसान कितनी भी चतुर चालाकी और बदमाशी करले।
बात तो तब इंसान जीवन और मौत से होशियारी करले।।
ये जीवन बहुत अनमोल है इसे यूं जाया।
दो पल की है जिंगदी इसे मस्त होकर जियो यारा।।
इस दुनिया में कोई भी सुखी नही किसी कुछ तो किसी को कुछ कमी है।
मौत हमे रोज सुलाती और जिंदगी रोज उठाती है।
यही हम नित्य खेल खेल रहे है खुदारा।।
जीवन है तो सुख दुख और उतार चढ़ाव आते रहेंगे।
इस दुनिया में लोग आते और जाते रहेंगे।
क्यों हम बीते हुए लम्हों को याद कर कर रहे जीवन का गुजारा।।
जो आज हमारे साथ वही तो खास है।
उसी के संग जिंदगी को जिंदा दिली से जीवन की शुरुवात करो ना दोबारा।।
दो पल की है ये जिंदगी।
इसे मस्ती में मस्त होकर जियो यारा।।
- राजेश कुमार झा, बीना, मध्य प्रदेश