परमार्थ निकेतन  ने मानवता सेवा में की एम्बुलैंस समर्पित

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परमार्थ निकेतन ने मानवता सेवा में की एम्बुलैंस समर्पित

Vivratidarpan.com ऋषिकेश । यूनिवर्सल फैमिली वीक के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि मानवता की सेवा में एक और एम्बुलैंस सरकार द्वारा चलाये जा रहे कोविड केयर सेंटर एवं दूर दराज में रहने वाले रोगियों को लाभ पहुँचाने हेतु भेंट की। (ज्ञात हो कि विगत सप्ताह परमार्थ निकेतन द्वारा 2 एम्बुलैंस होम केयर रोगियों के लिये ऑक्सीजन सिलेण्डर पहुंचाने हेतु भेंट की गयी थी।) स्वामी जी ने कोविड केयर सेंटर के नोडल अधिकारी चन्द्र प्रकाश को एम्बुलैंस की चाबी सौंपते हुये कहा कि इस क्षेत्र के भाई-बहनों और बच्चों की स्वस्थ्य सुरक्षा हम सभी का समेकित कर्तव्य है। वास्तव में कोविड-19 महामारी के इस दौर में धरा और अम्बर में सार्वभौमिक शान्ति और आरोग्य की सबसे अधिक आवश्यकता हैं। कोविड-19 के दौर में सार्वभौमिक आबादी को सामाजिक कल्याण और स्वस्थ्य सुरक्षा प्रदान करना अत्यंत जरूरी है।
स्वामी जी ने कहा के कोरोना वायरस ने यह दिखा है कि समस्याओं का प्रभाव सीमाओं से परे भी हो सकता। वर्तमान समय में कोरोना रूपी अदृश्य वायरस पूरी मानवता के अस्तित्व पर भारी पड़ रहा है, ऐसे में ‘यूनिवर्सल साॅलिडैरिटी‘ तथा भारतीय ऋषियों द्वारा दिये गये मंत्र ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का जो दर्शन है उसे समझना होगा तथा इस समझ को विकसित करना होगा कि पूरी दुनिया एवं सम्पूर्ण मानवता एक परिवार है। हम सभी को यह समझना होगा कि संपूर्ण मानवता एक ही जीवन ऊर्जा से बनी है तथा यह भी समझना होगा कि हम इस धरा पर किसी भी देश या किसी भी छोर पर हों परन्तु समय आने पर एक छोटा सा वायरस भी मानव जीवन के अस्तित्व पर भारी पड़ सकता है। इस दर्शन का वास्तविक परिदृश्य वर्तमान में हम सभी के सामने है। इस वक्त सभी को अपनी-अपनी सभी सीमाओं से बाहर निकलकर वैश्विक सद्भाव, समरसता, करूणा और दया आदि मानवीय मूल्यों को जागृत कर एकता के साथ आगे बढ़ना होगा। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि भारतीय संस्कृति सदियों से स्वयं में अनेकों विशेषताओं को समेटे हुए जीवन मूल्यों और आदर्शों से युक्त चेतना प्रदान कर रही है। ऋषियों मे ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ अर्थात समस्त विश्व एक परिवार है का संदेश दिया है तदनुसार भारतीय संस्कृति समस्त प्राणियों के दुःख को अपना दुःख समझने तथा अपनी खुशी को सभी के साथ बांटने का संदेश देती है। वैश्विक परिवार के प्रत्येक सदस्य की सुरक्षा के लिये प्रेरित करती है तथा सभी के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की कामना करती है। सृष्टि के समस्त तत्वों व कारकों से शांति बनाये रखने की प्रार्थना करता है।