#शब्द #अर्थ की # सुनहरी_यादें - विनोद शर्मा
Aug 23, 2021, 13:17 IST
| हर शब्द का "अर्थ" तर्क से तुम,
"अर्थ" समझा देती थी,
छोटा सा "अर्थ" हर शब्द का
"अर्थ" बता ही देती थी....!!
अनर्थ हो ये अगर शब्दों के,
अर्थ का अभ्यास है नहीं,
आत्म विश्वाश ईश्वर विश्वास ही,
श्रद्धा का"अर्थ" सही....!!
केवल तुम ही थीं मेरे जो,
मौन का "अर्थ" समझती थीं,
तुम बिन व्यर्थ समझ में आता था
"अर्थ" जब तुम थी....!!
तुम ही थीं मुझे मौन शब्दों का
"अर्थ" समझाती थीं,
शब्द हो कोई जिसका
"अर्थ" ओर तर्क बता देती थी....!!
अधूरे रहते मेरे हर "शब्द"
तुम्हारे जिक्र के बिना ही,
"शब्द" भी चाहते हैं "साहित्यरेखा" में
"रेखा" तुम्हारा नाम होना भी...!!
हंसने के पीछे दर्द बहुत था,
फ़िर भी हँसती रहती थीं,
शब्द लापता "अर्थ" तुम ले गई,
"विनोद" के लिए रह गई
"सुनहरी यादें" सहमी सी....!!
#विनोद शर्मा 'विश', दिल्ली