इंतजार = पूनम शर्मा
Updated: Jul 21, 2021, 23:09 IST
| बाट निहारे तेरी सजनी,
कर सोलह श्रृंगार ।
आ जा सजना घर जल्दी तू,
कर दे अब उपकार ।
प्रेम ह्रदय में छिपा के रखा ,
कर दूं मैं इजहार ।
तेरी हो गई मैं जोगन,
है मुझको ये स्वीकार ।
बसता हृदय में रूप जो तेरा,
बस तेरा ही अधिकार ।
नैन बिछाए बैठी हूं मैं ,
करूं तेरा ही इंतजार ।
आकर मेरी विरह मिटा जा ,
लगा गले तू यार ।
बाट निहारे तेरी सजनी,
कर सोलह श्रृंगार ।
- पूनम शर्मा स्नेहिल, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश