वाणी वन्दना = कलिका प्रसाद
Jun 10, 2021, 23:14 IST
| हे मां वीणा धारणी,
प्रज्ञा रुपी किरण पुंज तुम,
हर दो अन्धकार तन मन का,
मां सबकी नैया पार लगा दो ।
हमें न बाँधना मातेश्वरी तुम,
माया की इस गठरी में,
पनपें न कोई कुभाव हृदय में,
ऐसी सुबुद्धि हमें दे दो मां।
मन में ऐसा भाव जगाओ तुम,
सबका मैं उपकार करू मां,
जीवन में कभी गलती हो जाये,
नेह की राह बताओ तुम।
तन मन सबका निर्मल कर दे,
सकल विकार मिटा दो देवी,
कभी किसी का बुरा न करूं,
प्रार्थना हमारी यह स्वीकारों।
= कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार,रुद्रप्रयाग उत्तराखंड