इसलिए तुझ से दूर हो गया हूं  - नीलकान्त सिंह

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इशारा तेरा सब मैं समझ गया,

जिन्दगी का हर नाता भूल गया,

इसलिए तुझ से दूर हो गया हूं।

जैसे ही तूने तस्वीर हटाया,

मेरा मन बहुत बेचैन हो गया,

इसलिए तुझ से दूर हो गया हूं।

अब क्या कह सकता हूं तुझको,

तेरा भी मन मुझसे ही भर गया,

इसलिए तुझ से दूर हो गया हूं।

बहुत कोशिश की पर मैं हार गया ,

तू मेरी हर बात को काट गया,

इसलिए तुझ से दूर हो गया हूं।

 तेरे लिए मैं बस याद रह गया,

तेरी यादों में  खोकर रह गया,

इसलिए तुझ से दूर हो गया हूं।

- नीलकान्त सिंह नील, मझोल, बेगूसराय