बात - नीलकांत सिंह
Nov 19, 2021, 23:07 IST
| बात कहने से पहले, सुनो तो एक बार।
बिना सुने कुछ भी कहो,गम मिलेंगे हजार।।
बात ऐसी थी मेरी, किया नजर अंदाज।
आप खुद परेशान थे, दिया नहीं आवाज।।
मैं लौट कर चला गया,आप थे अपने घर।
आप अशांत रहते थे, मैं गया खुद से डर।।
बात करना है मुझको, आप से एक बार।
बात बात में मिलेगा, खुशियां कई हजार।।
बात कोई खास न थी, शांत करना था मन।
सही ढंग से कमाऊं, सुख भरा जीवन धन।।
कौन सा अपराध किया,आप दे रहे दंड।
तुम भी दुखों पर मेरे, हंसते मंद मंद।।
बात कहने से पहले,सुनो तो एक बार।
आप ही पहले कहिए, हंसकर एक बार।।
नीलकान्त सिंह नील, बेगूसराय, बिहार