गीत = डा. अंजु लता सिंह
Jul 21, 2021, 23:08 IST
| आया सावन का मस्त महीना
रे मस्त महीना...
लगी है बड़ी आस रे...
कान्हा संग खेलूंगी कब रास रे
पिया बिन मोरा जियरा उदास रे.।
धानी चूनर टांक सितारे मैंने रख छोड़ी है,
चूड़ी, कंगन,टीका,बिंदी मस्ती भी थोड़ी है।
सारे जोहें रे बाट तिहारी रे..
करी है अरदास रे...
पिया बिन मोरा जियरा उदास रे।
काले मेघा घुमड़ घुमड़कर
हमसे बात करेंगे
पैंग बढ़ाएंगे झूले पर
आसमान छू लेंगे
बरखा बरसे मेरा मन हरसे
बातें होंगी खास रे..
पिया बिन मोरा जियरा उदास रे.।
आया सावन का मस्त महीना
रे मस्त महीना...
लगी है बड़ी आस रे...
पिया बिन मोरा जियरा उदास रे.।
पांव महावर कर में मेंहदी
रच सिंगार करूंगी
सज-धजकर सैंयाजी से मैं
आंखें चार करूंगी
पट पट बूंदे गिरेंगी ऐसे
बजे ज्यों ढोल तास रे
पिया बिन मोरा जियरा उदास रे.
आया सावन का मस्त महीना
लगी है बड़ी आस रे...।
= डा. अंजु लता सिंह ,नई दिल्ली