जय जय जय माँ शक्ति भवानी ।
लिखवा दो माँ राम कहानी ।।
मिली सूचना जब रावण को ।
स्वास्थ लाभ पूरा लक्ष्मण को ।।1
इंद्र जीत को तुरंत बुलाया ।
संगर का आदेश थमाया ।।
परामर्श रावण का दूजा ।
कर लो कुलदेवी की पूजा ।।2
शक्ति पीठ पर यज्ञ कराओ ।
एक जानवर बली चढ़ाओ ।।
मात निकुंबल करो याचना ।
युद्ध जीत की करो प्रार्थना ।।2
गुप्त सूचना मिली विभीषण ।
बतलाया राघव को कारण ।।
यज्ञ रोकना होगा इस क्षण ।
तभी जीत पायेंगे यह रण ।।3
भेष बदलकर गए विभीषण ।
साथ गए हनुमत व लक्ष्मण ।।
खल समूह से गुफा घिरी है ।
चक्र व्यूह से गुफा घिरी है ।।4
हनुमत ने यह व्यूह गिराया ।
लक्ष्मण को प्रवेश कराया ।।
किया यज्ञ को जाकर खंडित ।
साथ विभीषण ज्ञानी पंडित ।।5
क्रोध बहुत आया द्रावङ को ।
ललकारा उसने लक्ष्मण को ।।
पुनः युद्ध दोनो में भीषण ।
साक्ष्य बने हैं स्वयं विभीषण ।।6
कोई शस्त्र काम ना आवे ।
इंद्रजीत जब बाण चलावे ।।
लक्ष्मण ज्यों ज्यों तीर चलावें ।
कंपन सागर में उठ जावें ।।7
याद ब्रह्म की वाणी आयी ।
पूरी समझ कहानी आयी ।।
चौदह वर्ष जगे जो योद्धा ।
मार सकेगा वही पुरोधा ।।8
प्रक्षेपात्र काम ना आये ।
इंद्रजीत इतना घबराये ।।
बाणों से छलनी है छाती ।
दीखे मौत सामने आती ।।9
चिंगारी निकले बाणों से ।
खेल रही खल के प्राणों से ।।
आज्ञाकारी बाण चलाया ।
शीश काट उस पर बैठाया ।।10
- जसवीर सिंह हलधर, देहरादून