रिश्तें - आशा पराशर
Sep 17, 2021, 12:07 IST
| अपने रिश्तों को,
दिल में महफूज़ रखे,
अपने ऐतबार की जमीं को,
मजबूत रखे। .
बार- बार इम्तेहान न ले,
आशिक की वफादारी का,
ये काम नहीं है,
किसी कारोबारी का।
अक्सर वही रिश्तें,
तार-तार होते है,
जिनके जमाने में,
बहुत इश्तेहार होते है।
- आशा पराशर , जयपुर (राजस्थान)