मात शारदा का आराधन ।
शब्दाक्षर मेरे संसाधन ।।
राम कथानक का संपादन ।
होने वाला शीघ्र प्रकाशन ।।1
रावण चिंतित हो अकुलाया ।
अहिरावण को पास बुलाया ।।
परामर्श नाना से पाया ।
अहिरावण ने खेद जताया ।।2
अहिरावण पाताल पुरोधा ।
जाना माना खलकुल योद्धा ।।
मायावी करतब दिखलावे ।
नागलोक का भूप कहावे ।।3
अपना असली रूप छुपाया ।
भेष बदल खलकामी आया ।।
सम्मोहित कर नारायण को ।
और साथ भ्राता लक्ष्मण को ।।4
अगवा कर ले गया शिविर से ।
सूरज हारा आज तिमिर से ।।
हनुमत भी पहचान न पाये ।
मायावी से धोखा खाये ।।5
अहिरावण ने खेल दिखाया ।
रूप विभीषण का धर आया ।।
मिली सूचना गुप्त विभीषण ।
अपहृत हुए राम व लक्ष्मण ।।6
रघुकुल का वंश बचाने को ।
दशरथ के अंश बचाने को ।।
हनुमत पाताल लोक धाये।
बजरंगी करतब दिखलाये ।।7
पाताल लोक पहुँचे हनुमत ।
अहिरावण की देखी खलकत ।।
जो द्वारपाल अहिरावण का ।
बेटा है हनुमत चारण का ।।8
हनुमत से उसका नाता है ।
वो मकरध्वज कहलाता है।।
हनुमत ने उससे युद्ध किया ।
बेटे के मन को शुद्ध किया ।।9
लड़ते लड़ते पाया परिचय ।
बेटे का दूर किया संशय ।।
बेटे ने बदल दिया निश्चय ।
हनुमत का साथ दिया निर्भय ।।10
- जसवीर सिंह हलधर, देहरादून