रक्षा बंधन - निहारिका झा

 | 
pic

सावन की मधुरिम फुहार,

त्यौहारों की आई बहार।

हर बेटी को याद है आया,

पीहर का वह प्यार दुलार।1।।

पूर्णमासी  सावन को आता, 

राखी का पावन त्यौहार।।

आतुर बहना देखे रस्ता,

कब आएगा भाई द्वार।2।।

सजा के थाली पूजन की,

करे  आरती मंगला चार।।

बढ़े उमर मेरे भाई की,

अंतर्मन की यही पुकार।।3।।

बहना को देता है भरोसा

रक्षा का भाई हर बार

रहे सुखी समृद्ध हमेशा

करती रब से बहना गुहार।।4।।

- निहारिका झा,खैरागढ राज.(36गढ़)।