प्रवीण प्रभाती = कर्नल प्रवीण त्रिपाठी,

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जगजननी ममतामयी, दें भक्तों का साथ।

विपदा में जब भक्त हों, उनका थामो हाथ।।

सब संकट दुख दूर हों, कृपा करें जब अंब।

माता की लेते शरण, सुख-दुख में जगदंब।।

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अवधपुरी में बन रहा, परम पूज्य सुखधाम।

पूरी करने आस को, वहाँ बसें श्री राम।

सदियों के संघर्ष का, सुखद हुआ है अंत।

नव मंदिर जब पूर्ण हो, आयेंगे श्रीमंत।।

= कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा/उन्नाव