प्रवीण प्रभाती = कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

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जपें हनुमान नाम, पूजते वो सदा राम,
भक्ति कैसे करते हैं उनसे ये सीखना।
बजरंगी बलशाली मन से भी शक्तिशाली,
रखें दृढ़ इच्छाशक्ति प्रभु से ये सीखना।
कर्मवीर धर्मवीर उड़ते हैं जैसे तीर,
सकंट कैसे निवारें हनु से ये सीखना।
मोल वो न कभी माँगे सदा बजरंगी आगे,
मन से कैसे हो सेवा आप से ये सीखना।
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आज दिन बुधवार कर लें सभी विचार,
भक्तन की भक्ति देख हेरम्ब भला करें।
मन में न द्वेष रखें रिश्ते भी विशेष रखें,
बिना किसी भेदभाव नेह से मिला करें।
हिम्मत से काम ले जो श्री गणेश नाम ले जो,
आने वाले सारे दुख कष्ट भी टला करें।
झूठ नहीं बोलते जो हर बात तोलते
बिना डरे सत्य मार्ग हमेशा चला करें।
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विष्णु चक्रधारी जाप, किया करें नित्य आप,
वेदना सताए जब, हरि गुण गाइये।
शंख चक्र पद्म हाथ, दानवों का हो विनाश,
पग धूल पाने हेतु, प्रभु द्वार जाइये।
जग के हैं ईश आप, हरते हैं दुख ताप,
विष्णु नाम की सदैव, अलख जगाइये।
वासुदेव नाम जपें,भक्ति हेतु नित्य तपें,
जाने को बैकुंठ धाम,शीश तो नवाईये।
= कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा/उन्नाव