प्रवीण प्रभाती- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

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पूजा करें भगवान की प्रतिदिन सुबह कर जोड़।

विनती करें प्रभु से सभी वह लें नहीं मुख मोड़।

मंदिर चलें पूजा करें कर पुष्प अर्पित रोज।

ईश्वर बसें सबके हृदय बस आप अंतस खोज।1

दौड़े चले आते सदा सुन भक्त दीन पुकार,

प्रभु के चरण में मन लगा ऋण आज सर्व उतार।

मझधार में जब नाव डगमग आप ही आधार।

जगदीश के आदेश से चलता जगत व्यापार।2

- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा/उन्नाव,