प्रवीण प्रभाती - कर्नल प्रवीण त्रिपाठी
Oct 29, 2021, 23:14 IST
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सदा वीरों के' सीने पर पदक हर एक सजते हैं।
बहा कर रक्त झंडे हित तिरंगे में लिपटते हैं।
हृदय से दृढ़, रखे हिम्मत, कभी पीछे नहीं हटते।
उठा जिसने लिया बीड़ा नहीं पीछे वो' हटते हैं।
न बैठें भाग्य के बल पर रखें विश्वास पौरुष पर।
करें जो पार हर बाधा विजेता बन उभरते हैं।
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मित्र वे जो साथ हँसने के लिये तैयार हैं।
हर घड़ी जो संग चलने के लिए तैयार हैं।
कीजिये उन पर भरोसा जो नहीं धोखा करें।
संग जीने और मरने के लिये तैयार हैं।
जी रहे थे बेखबर होता भला है प्यार क्या।
प्रेम यदि पायें सँवरने के लिये तैयार हैं।
मीत को पहचानिये करिये भरोसा फिर तभी।
कंटकों में पैर धरने के लिये तैयार हैं।
- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा/उन्नाव, उत्तर प्रदेश