प्रभु - जया भराड़े बड़ोदकर

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दिल  बड़ा कर  ना मेरा,

समा जाये सभी शिकायते मेरी,

ना हो उसमे शिकायते किसी की,

दफन कर देना साथ ही मेरे,

खुल न जाये ये कभी,

खुले गर तो खुशियाँ खुले,

फूलों संग खुश्बू मिले,

खुशियों की रंगत दिखे,

दिल में समाये दु:ख न चुभे,

काटो के संग जिया था कभी,

इस की कभी भी भनक न लगे,

हर कोई डूबा है यहाँ,

मुसीबतो मे,

आग से दामन कैसे छूटे,

बच के चला भी जाये अगर,

मौत से भला कैसे बचे,

सारे सूत्र तो हाथ  मे तेरे,

हम तो है कठपुतली तेरे,

दुआ देना तू सभी को,

दिल मे न रखना बैर कभी,

सम्हालता है पग पग पर तू,

हर कही बचा लेता है तू,

नजर आता नही किसी को तू,

बस हर दिल में दुआ बनके,

रहता है तू ,

जया भराडे बडोदकर, नवी मुंबई (महाराष्ट्र)