प्रेम की पीड़ा = पूनम शर्मा स्नेहिल
Jul 1, 2021, 22:57 IST
| प्रेम की पीड़ा प्रेम ही जाने ,
प्रेम करत है दुनिया सारी।
राधा के इस प्रेम में देखो ,
सुध-बुध खो बैठे बनवारी ।
चलती जिससे ये दुनिया है,
वो तो हैं बस मेरे मुरारी।
देख के राधा को जाते,
नैन बहावे नीर बेचारी।
चरणों में राधा के बैठे,
देखो मेरे कृष्ण मुरारी।
दुनिया जिस पर मोहित होती,
वो राधा के बने पुजारी।
हृदय बसा के राधे को ,
देखो रोते हैं बनवारी।
मुरली की जब तान ये छेडे़
बस राधा के नाम पुकारी।
प्रेम में विरहा की पीड़ा से ,
बच न पाए मेरे गिरधारी।
प्रेम से ही तो चलती यारों,
देखो दुनिया है ये सारी।।
= श्रीमती पूनम शर्मा स्नेहिल, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश