एक चिड़िया - जया भराड़े बड़ोदकर 

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चिड़िया आती हैं,

सुबह सुबह गाती है,

सुख की किरणों मे,

नहाती है।

खुशी का पैग़ाम

सुनाती है,

काटो भरा जीवन है,,

मगर जीने की राह

दिखाती है। .

गलियारों मे क्यारियों मे,

घूम घूम कर,

हँसी-खुशी से जीवन

बिताती है।

आते है कई तूफ़ान राह में,

हौसला कहा वो खोती है ,

हर पल चहचाती है,

और सदा ही मुश्किलों मे,

भी देखो कैसे

मुस्कुराती है।

प्यारी सी ये चिड़िया,

मुझे तो बहुत भाती है।

- जया भराडे, बड़ोंदकर, नवी मुंबई