कभी खुद से बात किया करो = शिप्रा सैनी
May 17, 2021, 23:11 IST
| दुनिया में भरा छलावा है, न दुनिया की तुम सुना करो ।
मन ही करता सच्ची बातें, कभी खुद से बात किया करो।
अँधी सी एक दौड़ में, तुम सरपट यूँ भागा न करो ।
कभी बैठ लो छांव में तुम, खुद से दो बातें किया करो ।
सुलझ जाएंगे कितनी ही , अनसुलझे जीवन के सवाल।
अंतर्मन के उबाल की आँच, कभी धीमी तो किया करो।
ख्याल कभी ये जब आए, कि दुनिया में मेरा कोई नहीं।
दिल पर रख कर हाथ , खुद का एहसास किया करो।
आंखों में काजल को सजा, होठों पर लाली को लगा ।
आईने को काला टीका, खुद से लगा दिया करो।
परवाह अपनों की बेशक, हर घड़ी तुम किया करो ।
खुद के लिए घड़ी का कांटा, कभी तो तुम रोका भी करो।
खूबियां है तुममें इतनी, खुद को भी तो गिनाया करो ।
मूंद कर दो पल को आँखे , कभी खुद से बात किया करो।
= शिप्रा सैनी (मौर्या) , जमशेदपुर