मेरो मन अटक गयो नटखट में = स्वर्ण लता

 | 
pic

मृदुमुस्कन औ तिरछी चितवन,
घूंघर वाली लट पे।

मोर मुकुट कानन में कुंडल,
अरु बेसर की लटक पे।

वृन्दाबन की कुंज गलिन में,
साँवरिया की मटक पे।

वंसीवट और कदम्ब की छैया,
यमुना जी के तट पे।

श्यामासखि के रमनबिहारी,
मीरा के नागर नट पे।

रानी जीवन ऐसे बीते,
हरि चरनन सों लिपट के।
= स्वर्णलता, दिल्ली